- नए वित्त वर्ष में नया टैक्स स्लैब लागू होते ही टैक्स से जुड़े कई नियम (आयकर के नए नियम) भी बदल जाएंगे।
12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले व्यक्ति को टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी। इससे एक बात जो साफ है
0 - Rs 4,00,000 0 percent
4,00,001 - Rs 8,00,000 5 percent
8,00,001 - Rs 12,00,000 10 percent
12,00,001 - Rs 16,00,000 15 percent
16,00,001 - Rs 20,00,000 20 percent
20,00,001 - Rs 24,00,000 25 percent
24,00,001 and above 30 percent
कि अब ऐसे लोग टैक्स के दायरे से बाहर रहेंगे, लेकिन
- .2 यह जानना भी जरूरी है कि उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न
- (आईटीआर) दाखिल करने की जरूरत होगी या नहीं। सरकार ने इस संबंध में एक अहम कदम उठाया है ताकि टैक्स से जुड़े नियमों को बेहतर टैक्स सिस्टम के अनुकूल बनाया जा सके।
.3 नई आयकर व्यवस्था में राहत-
- 3 . केंद्रीय बजट 2025 के तहत आयकर की नई व्यवस्था लागू की गई है। अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। पहले 12 लाख रुपये पर 80,000 रुपये तक का टैक्स देना पड़ता था। इससे करीब एक करोड़ लोगों को राहत मिलेगी। इस बदलाव से कई करदाताओं को बचत के तौर पर फायदा होगा,
- लेकिन फिर भी आयकर रिटर्न (आईटीआर फाइलिंग नए नियम) दाखिल करना अनिवार्य रहेगा। आम जनता को राहत देने और आयकर व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है।
Important
- 4. मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा -केंद्रीय बजट 2025 में मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत दी गई है। नई व्यवस्था में अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय (करयोग्य
- आय सीमा) पर टैक्स नहीं देना होगा, पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी। इससे करीब एक करोड़ लोगों को फायदा होगा, जिनसे पहले 20,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये तक का टैक्स लिया जाता था
- .6. यह सुविधा नई व्यवस्था के तहत ही मिलेगी और 2023 से लागू है। इसका फायदा उठाने के लिए करदाताओं को सिर्फ आयकर रिटर्न (आयकर रिटर्न कैसे भरें) दाखिल करना होगा, इसके अलावा किसी अन्य कदम की जरूरत नहीं है। इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए आयकर राहत की घोषणा की थी।
7..पहले सालाना 12 लाख रुपये कमाने वाले व्यक्ति को करीब 80,000 रुपये टैक्स देना पड़ता था। अब संशोधित सीमा के तहत यह बाध्यता खत्म कर दी गई है। यह राहत तब मिलेगी
- जब करदाता (करदाताओं के लिए नवीनतम अपडेट) अपने लाभ का दावा करने के लिए ITR जमा करेगा। बिना ITR जमा किए यह छूट नहीं मिलेगी, लेकिन ITR दाखिल करने से करदाताओं को आयकर से राहत मिलेगी।
8. आयकर रिटर्न दाखिल करने के नियम-
- विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की आय 12 लाख रुपये से कम है, तो भी उसके लिए कर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है। करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने से तभी छूट मिलती है, जब वे निर्धारित सीमा का उल्लंघन नहीं करते हैं।
- 9. यह सीमा अलग-अलग आयु वर्ग के लिए अलग-अलग है। यह सब आयकर विभाग को आईटीआर (ITR new rules) के जरिए ही स्पष्ट हो पाता है। इसलिए, आईटीआर दाखिल करना जरूरी है।
- सामान्य नागरिक जिनकी आयु 60 वर्ष से कम है, उनके लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपये है, वरिष्ठ नागरिक जिनकी आयु 60 से 79 वर्ष है, उनके लिए यह सीमा 3 लाख रुपये है और अति वरिष्ठ नागरिक जिनकी आयु 80 वर्ष या उससे अधिक है, उनके लिए यह सीमा 5 लाख रुपये है और नई कर प्रणाली के तहत यह सभी के लिए 4 लाख रुपये है। यदि वार्षिक आय इन सीमाओं के भीतर है, तो रिटर्न दाखिल करने (आईटीआर कैसे भरें) की कोई आवश्यकता नहीं है।
10 .नई कर प्रणाली से लाभ -
- नई कर नीति के अनुसार, नए आयकर स्लैब से लोगों को आर्थिक लाभ होगा। इसके तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं देना होगा। नई कर प्रणाली से लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और बचत बढ़ेगी।
- इसके परिणामस्वरूप, वे अपने पैसे का उचित प्रबंधन कर सकेंगे। लेकिन, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी व्यक्तियों को अपनी आय के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके लिए सभी को समय सीमा के भीतर आवश्यक दस्तावेज जमा करने चाहिए ताकि उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
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